भारत में Republic Day परेड का आयोजन हर साल 26 जनवरी को होता है और यह अवसर देशवासियों को राष्ट्रीय एकता और गर्व की अनुभूति प्रदान करता है। हर वर्ष सरकार इस महोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारी करती है और इसका आयोजन राजपथ पर होता है। हाली में ही देशभर में बवाल मच गया जब एक न्यूज़ चैनल ने इस वर्ष की Republic Day परेड में पंजाब की Republic Day झांकी को खारिज कर दिया जाने की ख़बर दी है। इसके बाद से ही इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित हुआ है और राजनीतिक गतिविधियों में चर्चा का विषय बन गया है।
Republic Day इस मामले में रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, यह ख़बर ग़लत है कि पंजाब की झांकी को छोड़ा गया है। इसके बाद कई सूचनाएं जारी की गईं हैं जिनमें कहा गया है कि ऐसी ख़बरों को फैलाने की कोई साज़िश हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के सूत्र इस मामले की जांच कर रहे हैं और उनकी कड़ी मेरी यह है कि किसी भी योजना को हिंसक तत्वों के चलते खारिज नहीं किया जाता है। Republic Day परेड का महत्व पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन होता है और सभी राज्यों की झांकियां उसमें यमलोक की ओर से उठाई जाती हैं। यह पूरे देश के गर्व का प्रतीक है और यह Republic Day स्वतंत्रता, सैन्य ताकत और संघर्ष के प्रतीक भी मानी जाती है।
इसके लिए दो पत्र जार किए हैं: Republic Dayकी झांकी ने प्रेस को सनसनी में डाल दिया:
मीडिया के माध्यम से प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, Republic Day परेड के लिए कुछ राज्यों की झांकियों को इस साल छोड़ दिया गया है। इस पर रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में विज्ञापन के लिए खबर प्रकाशित की जा रही है जिसमें कहा जा रहा है कि केंद्र ने पंजाब की झांकी को शामिल नहीं किया है और उसे दिल्ली की झांकी के साथ पीछे छोड़ा गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा इस मुद्दे के बारे में ट्वीट किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि वह इस फैसले से नाराज हैं। वह कहते हैं कि पंजाब की झांकी Republic Day परेड में शामिल नहीं की जाएगी और केंद्र सरकार ने पंजाब के साथ भेदभाव किया है। इसके अलावा, दिल्ली की झांकी भी इस साल छोड़ी गई है, जो अप्रत्याशित है। यह सवाल उठता है कि प्रदेश सरकार ने क्यों दिल्ली की झांकी को छोड़ा है।
Republic Day झांकियों के चयन के लिए एक्रणाली स्थापित है:
Republic Day का आयोजन सम्पूर्ण भारतवर्ष Republic Day में गर्व और उत्साह के साथ किया जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन पर राष्ट्रीय परेड अपरिहार्य हिस्सा होती है, जो अनेक राज्यों की झांकियों को दिखाती है। इस अवसर पर हर साल तय की गई प्योरनेस का अनुपालन किया जाता है, और इससे पूरे देश को गर्व महसूस होता है। इस विशेष अवसर पर, राष्ट्रीय परेड के लिए झांकी का चयन एक गंभीर मुद्दा हो सकता है, जैसे कि हाल ही में हुआ है। Republic Day राष्ट्रीय परेड की तैयारी के समय, लोकसभा में आयोजित बैठकों के जरिए झांकी के आवामी दिन का और झांकी के मूल्यांकन को आयोजित किया जाता है। यह भारतीय सेना और आर्मी और सिपाहियों की प्रतिभावानता को मान्यता देता है और गरिमा बढ़ाता है। भारतीय सेना के अलावा, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से भी प्रस्ताव मण्डल के पक्ष में होते हैं।
Republic Day झांकियों की शॉर्टलिस्टिंग का ध्यान :
विशेषज्ञ समिति झांकियों की शॉर्टलिस्टिंग से पहले दीवारी करती है, क्योंकि झांकियों के बीच बचते हैं, जिसके आवंटन के लिए परेड की समग्र अवधि में समय मिलता है। झांकियों की जांच और शॉर्टलिस्टिंग करते समय, विशेषज्ञ समिति कई महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान में रखती है। ये कारक विषय, अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव हो सकते हैं। विशेषज्ञ समिति विभिन्न प्रस्तावों की जांच करते हैं ताकि Republic Day सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव को चुना जा सके और परेड में शामिल किए जा सकें।
ये हैं 30 में से सिर्फ 15 राज्य जो चुने जाते हैं- Republic Day
Republic Day 2024 परेड के लिए देश के अलग-अलग राज्यों ने भाग लेने की इच्छा जताई थी। पंजाब और पश्चिम बंगाल सहित मिलाकर वे संख्या 30 पर पहुंच गए थे। हालांकि, रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सिर्फ 15-16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी परेड में प्रदर्शित होगी। आइए जानते हैं इस निर्णय के पीछे छुपी वजहों को।