BJP :जबसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान Ram Mandir के मुद्दे की चर्चा शुरू हुई है, तब से ही भारतीय राजनीति व आपसी विवादों के बीच यह मुद्दा एक तार की तरह खिंचता चला आ रहा है। हाल ही में Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा का न्योता भारतीय राजनीति की ये ताजी घटना थी। इस मुद्दे पर Congress नेता द्वारा आह्वान का ठुकराव BJP को नहीं भाया और उन्होंने इसे बहुत ही भ्रांतिपूर्ण रूप से दिया देखते हुए कहा, “पाप धोने का मौका खो दिया।” इस आरोप के साथ BJP Congress के रिएक्शन के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त कर रही है।
Congress का बहिष्कार:
BJP के इस आपत्तिजनक आरोप को देखते हुए यह खुलासा होता है कि Congress ने कभी भी Ram Mandir के बनने के मुद्दे में पक्ष नहीं लिया है। घटना को समय के साथ देखते हुए यह पता चलता है कि जब भी भारत का इतिहास एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आता है, जैसे कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम या राष्ट्रीय अनुशासन, तो Congress उस अवसर के साथ खड़ी नहीं होकर उसे बहिष्कार करती है। इससे साफ है कि इन दोनों राजनीतिक दलों के बीच हमेशा से ही एक गहरा कलह मौजूद रहता है और Ram Mandir का मुद्दा इस महत्वपूर्ण तकनीकी संघर्ष का एक हिस्सा है।
“पाप धोने का मौका खोया…”
Congress के Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने पर भड़की BJP यह घटना Shri Ram जन्मभूमि पर भव्य Mandir के उद्घाटन समारोह से जुड़ी है, जिसके प्रायोजक Congress Party थी। लेकिन, इस न्योता को ठुकराने के बाद BJP ने इस पर तीव्र आरोप लगाए हैं। Congress को BJP ने इसका मतलब यह बताया है कि Party बहिष्कार की ओर बढ़ रही है और अब यह Gandhi की Congress नहीं बल्कि Nehru की Congress हो गई है। यहां तक कि कुछ समय पहले Congress ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मानित समारोह को भी बहिष्कार कर दिया था।
Congress और Ram Mandir
विवाद की शुरुआत Congress के आलाकमान के वक्तव्यों ने की है। Congress के नेता ने भगवान Ram को काल्पनिक और किसी कथा का हिस्सा कहा है। यह बात खुद BJP के नेताओं को काफी चोट पहुंचाई है, क्योंकि भारतीय संस्कृति और परंपरा में भगवान Ram एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ऐसे में, Congress की इस बात से उनका संकेत दिया जा रहा है कि उन्हें धार्मिक बातों के प्रति आदर की कमी है और वे एक सेक्युलर पार्टी की ओर बढ़ रहे हैं।
Akhilesh Yadav ने नहीं स्वीकारा न्योते: Harnath Singh
भारतीय राजनीति में Ram Mandir विवाद एक चरम स्थिति तक पहुंच चुका है। इसका न्योता Congress नेताओं का अस्वीकार ने BJP को काफी चेतावनी दी है। Akhilesh Yadav के इस न्योते को ताक़तों ने खारिज कर दिया है, जबकि वह अपने पिता के कुछ गलतियों का समाधान कर सकते थे। इस विवाद की समयानुसार, भारतीय राजनीति हिंदू-विरोधी ताकतों को मजबूत कर रही है। उनके पास अपने पाप और अपराधों को धोने का मौका था, लेकिन उन्होंने वो भी गंवा दिया। इस देश के लोग भगवान Ram के साथ खड़े हैं। Congress ही नहीं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष Akhilesh Yadav तो न्योते को स्वीकारने से भी इनकार कर चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री: आश्चर्य नहीं
Congress Party का शुरू से ही यही रवैया रहा है, यहां तक कि जब पुनर्निर्माण के बाद सोमनाथ Mandir का उद्घाटन हुआ था, उस समय तत्कालीन राष्ट्रपति ने वहां जाने का फैसला किया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री और Congress Party ने इस कदम का विरोध किया… उस दिन से Congress Party तुष्टिकरण के लिए लगातार हिंदू मान्यताओं का विरोध कर
निमंत्रण को अस्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री Pralhad Joshi ने कहा:
भारतीय राजनीति में धार्मिक मुद्दे हमेशा ही एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। इसका एक और उदाहरण है Ram Mandir का मुद्दा। नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब Ram Mandir के निर्माण का आयोजन दिसंबर 2019 में हुआ था, तो Congress Party ने Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार किया है। इस पर केंद्रीय मंत्री Pralhad Joshi ने कहा है कि Congress Party का यह फैसला आश्चर्यजनक नहीं है।