Arvind Kejriwal : देश की राजधानी दिल्ली में मची हुई शराब मामले की घटना में प्लचित हो गयी है। इस मामले में उन कांग्रेस मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के साथी Arvind Kejriwal एक बार फिर से खुले मुकदमे में फस गए हैं। अमेरिकी वेबसाइट जो “प्रदेश न्यूज़” का संदर्भ लेती होगी, ने एक स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से केजरीवाल और उनके सचिवों के बीच शराब घोटाला का भंडाफोड़ किया था।
इस बात की पुष्टि वीडियो के माध्यम से की गई है, जिसे बाद में शानदार कार्य की जानकारी दाखिल की गई है। वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि शराब दिल्ली का Arvind Kejriwal द्वारा आदेश दिया गया इंतज़ामपुर में बनाया गया किताब कानून तोड़ने की विषयवस्तु ज़रूर थी। लेकिन अब परस्पर सच्ची या कल्पित जानकारी की जांच ईडी के दफ्तर में की जाएगी। साथ ही, अदालत की ओर से Arvind Kejriwal और उनके सरकारी अधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली मुकदमा दोबारा दाखिल की गई है। अब इस’ ‘चोर की नाले में से रातें निकालना’ जैसी घटना पर मुकदमा दाखिल करना बाकी रह गया है।
Arvind Kejriwal ईडी को अवैध नोटिस का कहना है:
अब Arvind Kejriwal ने उच्च न्यायालय में इस केस की जांच का ईडी के साथ सहयोग करने को तैयारी जताई है। दिल्ली सरकार ने ऐसा करने के लिए ईडी को एक पत्र लिखकर जवाब दिया है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि उन्हें दिल्ली सीपी डी अमित शाह ने दिखाई गई वीडियो की प्रतिलिपि देने के लिए प्रतिबंधित किया है, जिसे मीडिया में दिखाया गया है। लेकिन, उनका नोटिस अवैध होने का कहना है क्योंकि कोई भी ऐसा संदेह नहीं कर सकता है कि यह वीडियो किसी कार्यालय में शुरू करने के लिए है। इसके अलावा, उनका मकसद वही है कि इसे प्रेस में विज्ञापन या चुनाव प्रचार से रोका जा सके।
ईडी समन पर सवाल उठाने के बाद Arvind Kejriwal का राजनैतिक तर्क:
Arvind Kejriwal ने समन को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें ईडी द्वारा यह समन किस हैसियत से भेजा जा रहा है। वह इसे एक अनभिज्ञता भी मानते हैं और कहते हैं कि इस समन के आधार पर यह स्पष्ट नहीं होता है कि उन्हें गवाह, संदिग्ध, दिल्ली के सीएम या आम आदमी पार्टी के संयोजक के रूप में बुलाया जा रहा है। केजरीवाल के मुताबिक, ईडी उन्हें प्रचार के संदर्भ में और भी बहुप्रतीक्षित लोकसभा चुनाव के दौरान सनसनीखेज खबरें बनाने के लिए समन भेज रही है
Arvind Kejriwal ईडी द्वारा तीसरा समन जारी किया गया:
तीसरे जनवरी को ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला केस में पूछताछ के लिए तीसरा समन जारी किया था। इस समन के पहले भी दो समन जारी कर चुकी है लेकिन Arvind Kejriwal ईडी के सामने पेश नहीं हुए। पछले महीने, 21 दिसंबर को भी ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन इस समय सीएम जी पर विपश्यना आ गयी थी और वे ईडी के समन का पालन नहीं कर पाए। Arvind Kejriwal ने इस बारे में अपने वकीलों के माध्यम से कहा था कि यह समन सिर्फ राष्ट्रीय चुनाव के अंतिम महीनों में सनसनीखेज खबरों के लिए है।
Arvind Kejriwal अक्तूबर में भेजा था पहला समन-
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद Arvind Kejriwal को भारतीय आयकर विभाग (ईडी) ने पिछले अक्तूबर में दर्ज शराब मामले में समन जारी किया था। परंतु इसके बावजूद, नवंबर के पहले सप्ताह में भी Arvind Kejriwal ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। इससे पहले भी उन्हें दो नवंबर को कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई के लिए तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने वकीलों के माध्यम स ईडी को समन को गैरकानूनी बताया था।
सौरभ भारद्वाज ने दिया एक बड़ा बयान :
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू में अपनी बयानी दी है, जहां उन्होंने मनीष सिसोदिया के मामले पर बोलते हुए कहा है कि उन्हें एक साल से गिरफ्तार रखा गया है। हालांकि, मनीष सिसोदिया के खिलाफ उन्होंने कोई सबूत नहीं जुटा पाए हैं और अब उनकी तरफ से Arvind Kejriwal को गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यहां बात बनती है कि क्या भाजपा नेताओं के खिलाफ जुर्माने का अपना फार्मूला है जिसकी वजह से वे सावधान रहते हैं। Arvind Kejriwal उनके खिलाफ कई मामले आते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
तो दोस्तों, दिल्ली के मंत्री, जिसमें उन्होंने भाजपा पर हमला बोला है। क्या यह सच है? चलिए इस बयान को खोजते हैं और देखते हैं कि इसमें कितना सच है।
नगर सभा चुनाव की तैयारी: Arvind Kejriwal
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक स्रोत के मुताबिक, इस समय सरकार द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal के खिलाफ एक गंभीर मामला चल रहा है। आरोपों के आधार पर, गिरफ्तार किए जाने का स्वार्थ करते हुए ईडी और केंद्र सरकार द्वारा कई सावधानियां बजी हुई हैं। हालांकि, अभी तक ईडी और केंद्र सरकार ने यह नहीं बताया है कि वे किस आधार पर केजरीवाल को बुला रहे हैं। यह बात बहुत सावधानी भरे सवाल उठाती है। आखिर क्या है केजरीवाल को बुलाने का असली कारण? और क्या यह सच है कि उनके खिलाफ एक घरेलू हमला चल रहा है?