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Ustad Rashid Khan : गायक Ustad Rashid Khan का निधन, देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने शोक संवेदना व्यक्त की”

Ustad Rashid Khan :एक प्रसिद्ध मार्शल आर्टिस्ट, संगीतकार, गायक, और षड्यंत्र निर्माता थे। हाल ही में, खान साहब को प्रोस्टेट कैंसर का संक्रमण हुआ था जिससे वे जूझ रहे थे। इस खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें चिकित्सा की जरूरत हो गई थी और वे अस्पताल में भर्ती करवाए गए।

अस्पताल में भर्ती करवाया गया था:

Ustad Rashid Khan की सेहत के बिगड़ने के बाद, उन्हें 23 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उनके परिवार और चाहने वालों के लिए यह बहुत ही कठिन समय था, क्योंकि वे खान साहब के इलाज का इंतजार कर रहे थे और अपने प्यार का इजहार करने का इंतजार कर रहे थे।

बीते कुछ दिनों से वे आईसीयू में भर्ती थे

Ustad Rashid Khan के इलाज के दौरान, उनकी स्थिति बहुत गंभीर हो गई थी और उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया गया था। वहाँ उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था जो उनके संचालन के लिए आवश्यक था। उनके परिवार को बहुत चिंता हुई थी और वे उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे।

गायक Ustad Rashid Khan के निधन की खबर

देशभर में आगंतुकों द्वारा प्रिय और कायामती गायक Ustad Rashid Khan के निधन की खबर से आँखें नम हो गईं। 55 वर्ष की उम्र में हमें छोड़कर, Ustad Rashid Khan ने अपनी महानता के धनी शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपनी विरासत छोड़ दी। इसके बाद से देश के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति से लेकर दिग्गज शास्त्रीय संगीत के समीक्षकों ने शोक संवेदना व्यक्त की है। आइए, हम Ustad Rashid Khan के इस वेदनीय निधन पर विचार करते हैं।

Ustad Rashid Khan: एक संगीतीय

उन्होंने अपने जीवन के दौरान न केवल एक विकीर्ण शास्त्रीय संगीतीय उन्नति का निर्माण किया, बल्कि एक पीढ़ी को भी प्रेरणा दी है। Droupadi Murmu  ने भी उनके साथ संवेदना व्यक्त की है और उन्हें एक प्रतिभाशाली गायक और उम्र भर रूहानी अदाकार के रूप में याद किया। Ustad Rashid Khan ने शास्त्रीय संगीत के माध्यम से अपनी विरासत को मंडित किया है, बल्कि नई पीढ़ी को भी प्रेरित करता है। उनका निधन अधिकांश लोगों की जानकारी के बारे में है, लेकिन उनके जीवन के बारे में अनेक नए तथ्य आज आए हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़: Ustad Rashid Khan

Ustad Rashid Khan हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में एक दिव्यांग गायक के रूप में अपार मान्यता रखते थे। उन्होंने न केवल देश भर में, बल्कि विदेशों में भी अपनी कार्यप्रवृत्ति से मशहूरी प्राप्त की थी। उनके चले जाने से संगीत जगत के साथ-साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश के राष्ट्रपति से बातचीत में भी अपनी व्यक्तिगत विचारप्रणाली को बयां किया है। जिनकी उल्लेखनीय विरासत न केवल हमारे देश के लिए, बल्कि वैश्विक संगीत बिरादरी के लिए एक अमूल्य खजाना है। उनके निधन से गहरा दुख हुआ है। मेरा उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति सच्ची संवेदना।’

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