UP ATS की नई चपेट में गिर गए हैं! यहां एक ताजा विवाद का सच सामने आया है जिसने इस प्रमुख शिक्षा संगठन को संचालित करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को हिलाकर रख दिया है। Fake दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी पाने वाले 382 Teacher की जब्ती के बाद, अब UP ATS ने उनकी जांच के लिए भी कदम उठाया है।
इस जांच रिपोर्ट के अनुसार, जब भी UP ATS को दस्तावेज प्रस्तुत करने की जरूरत होती है तो इसे केवल उच्च प्राथमिकता वाले दस्तावेजों से ही सीमित किया जाता है। लेकिन इस बार कुछ चेहरे इस नियम का उल्लंघन करके ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करके पद प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जिनके अस्तित्व पर शक है। यह खुलासा करता है कि UP ATS की जांच प्रक्रिया में कुछ लापरवाही रही होगी।
Fake दस्तावेजों की जांच: UP ATS
Fake दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी पाना एक बहुत ही गंभीर अपराध है और यह एक शिक्षा प्रणाली में मुख्यतः दोष माना जाता है। इसलिए, जब UP ATS को पता चला कि 382 Teacher Fake दस्तावेज लेकर नौकरी कर रहे हैं, तो उन्होंने तुरंत कदम उठाया और जांच की प्रक्रिया शुरू की। जांच की रिपोर्ट अब आ चुकी है और इससे यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ़ एक आंकड़ा ही नहीं, बल्कि अपराधियों की संख्या भी इतनी बड़ी है जो इस शिक्षा प्रणाली को खतरे में डालती है।
देवरिया जिले का हाल: UP ATS
UP ATS की जांच के दौरान एक बड़ी लापरवाही का पता चला है जो नाकामयाबी के पीछे का कारण है। देवरिया जिले के Teachers की संख्या में दूसरे जिलों की तुलना में सबसे ज्यादा दर्ज की गई है, जहां सबसे ज्यादा Fake दस्तावेजों के मामले सामने आए हैं।
कार्रवाई की ज़रूरत: UP ATS
UP ATS की जांच की रिपोर्ट सामने आने के बावजूद, इसे मान्यता दी जानी चाहिए और कार्रवाई होनी चाहिए। भ्रष्टाचार और Fake दस्तावेजों की प्रवृत्ति को कम करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके अलावा, देवरिया जिले में और अन्य क्षेत्रों में ऐसे गठबंधन को तोड़ने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रवाई भी जरूरी है।
UP ATS 2006 से 2016 तक हुए भर्ती:
2006 से 2016 के बीच UP ATS (उत्तर प्रदेश सहायक Teacher ) भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। इस दौरान STF के मुताबिक कुछ निर्धारित नियमों और समीक्षा की खोज के बावजूद, यह सामने आया है कि कुछ अवैध तत्वों ने इस प्रक्रिया को मांगे-प्रतिमांगे बना दिया है।इससे 382 Teachers को बर्खास्त किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा Teacher देवरिया जिले के हैं। यह मामला मौजूदा सरकार की बहुत गंभीर चिंता है और उसने तत्परता से कार्रवाई की है। वर्तमान में, STF मुख्यालय बेसिक शिक्षा विभाग के डाटाबेस की गहनता से यह जांच कर रहा है कि कैसे ये फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने में सफल रहे।
STSF और जिला पुलिस की जांच के बाद देवरिया में बर्खास्ती
जब सरकार ने इस मामले को जांचने का आदेश दिया, तो खुशी की बात यह है कि ये जांच काफी ध्यान से की जा रही है। STSF और जिला पुलिस की सपोर्ट के बाद देवरिया जिले में हाल ही में कुछ दिनों पहले 85 Teachers को छंटनी का ऐलान किया गया है। इस कदम के माध्यम से सरकार ने यह संकेत दिया है कि यूपी ATS की भर्ती जगह-जगह गंभीर अवैधताएं हो सकती हैं। यह मामला देवरिया जिले के लिए खासनगर है, यह स्थान इसे ऐसे स्थानों में रखता है जहां शिक्षा का स्तर काफ़ी कम होता है।
UP ATS देवरिया जिला में महिला Teachers के मामले का अद्भुत संख्यात्मका
STS की जांच में सबसे ज्यादा देवरिया जिले के Teachers की नौकरी पर नजर है। इसमें सर्वाधिक 52 Teacher शामिल हैं, जिनमें सबसे अधिक महिला Teachers की संख्या शामिल है। यह एक चिंताजनक तथ्य है जो प्रदेश में महिलाओं की पढ़ाई के महत्व को दर्शाता है।