Makar Sankranti :इस दिन की खासियत यह है कि सूर्य की गति बदलती है और सूर्य का उत्तरायण चारों दिशाओं में जुड़ जाता है। इस दिन धरती पर बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है और यह एक महत्वपूर्ण कृषि Festival भी है।उत्तर भारत में इसे खिचड़ी आदि खाकर मनाया जाता है, जबकि गुजरात में यह पर्व पतंगोत्सव के रूप में मनाया जाता है।अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं, लेकिन दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की प्रमुख पहचान बन चुकी है।
इसके अलावा तिल और गुड़ का भी Makar Sankranti पर बेहद महत्व है। Makar Sankranti पर दान का बहुत महत्व है। विशेषकर इस दिन तिल, खिचड़ी, गुड़ एवं कंबल दान करने का महत्व है।
Makar Sankranti :पौराणिक कथा
इस त्योहार के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार, महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था जिससे गंगा धरती पर आ सके। इसी दिन गंगा ने समुद्र में मिल गई। इसी तरह से दूसरी कथा के अनुसार, देवता और राक्षसों के मेले में एक अन्नदाता ने अपने साथी तैनात और कृपालु होने के कारण इस दिन निर्जला व्रत रखा था। यह व्रत देवताओं और मातृदेवताओं की कृपा पाने के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
कैसे मनाएं Makar Sankranti?
Makar Sankranti का त्योहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोग इस दिन उन्हें खण्ड-मिश्री, खील, घी और तिल के लड्डू बनाकर और बाजरे की खिचड़ी बनाकर बांटते हैं। इसे मनाने का एक और तरीका श्रद्धालु लोगों के लिए गंगा नदी में स्नान करना होता है। इसे गंगा स्नान कहा जाता है और लोग ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद के लिए इसे खास आपरंपरिक तौर पर करते हैं। यह उनकी मान्यता के अनुसार उनके पापों को धोकर पवित्त्र करने की क्रिया है, जिससे उनकी आत्मा शुद्ध हो जाती है।
Makar Sankranti :नयी शुरुआत के लिए एक अद्वितीय अवसर
Makar Sankranti एक नए साल की शुरुआत है और यह उन्हीं लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है जो नयी शुरुआत करते हैं या नए कार्यों को आरंभ करते हैं। यह Festival लोगों को संकल्प और समर्पण का संकेत देता है और उन्हें नई सपनों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है। संक्रांति के इस मुखर त्योहार का आनंद लें और गंगा स्नान और राशि अनुसार दान करके अपने आप को धन, समृद्धि और सुख से सम्पन्न करें।
ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी
Makar Sankranti एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य की किरणे उत्तरायण में हमारी पृथ्वी पर पहुँचती हैं। इस उत्तरायण का मौसम सूर्यदेवालय होता है और Makar Sankranti इसी मौसम के आगमन को प्रतिष्ठित करने के लिए मनाया जाता है। इसमें ज्योतिषशास्त्र और पौराणिक कथाएं एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
राशि के अनुसार दान-
मेष
मेष राशि के लोगों के लिए तिल-गुड़ का दान करना बहुत महत्वपूर्ण है। जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना इस राशि के लोगों को सौभाग्य और सुख का प्रतीक माना जाता है।
वृष
वृष राशि के लोगों के लिए खिचड़ी का दान करना शुभ होता है। इसे सुनहरे वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
मिथुन
जल में तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी दान करें।मिथुन राशि में जन्मे व्यक्ति को तिल के दान करने से धन एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कर्क
गुड़, तिल दान करें।
सिंह
जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। गुड़, तिल दान करें।गुड़ और तिल का दान सूर्य की कृपा को आमंत्रित करता है और खुशहाली और समृद्धि को आकर्षित करता है।
कन्या
राशि के लोगों को कृपा और सेवा की भावना से प्रेरित किया जाता है। इस राशि के लोगों को नदी या तालाब में तिल, दूर्वा और पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
तुला
इस राशि के लोगों को सफेद चंदन, दूध और चावल का दान देना चाहिए। इसके अलावा वे सूर्य को सफेद चंदन मिलाकर अर्घ्य देते हैं। यह दान उनकी संतान सुख, समृद्धि और आयु को बढ़ावा देता है।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि के लोग गम्भीर और शक्तिशाली होते हैं। ये लोग माँ शक्ति की कृपा को प्राप्त करने के लिए जल में कुमकुम, रक्तपुष्प और तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देने का दान करते हैं। इससे ये लोग जीवन में समृद्धि और सुख को प्राप्त करते हैं।
धनु राशि
इस दिन धनु राशि के जातकों को हल्दी, केसर, पीले पुष्प मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। वहीं, धनु राशि के जातकों को अवश्य गुड़ का भी दान करना चाहिए। धनु राशि के जातकों को यह दान मालामाल होने में मदद करता है और उन्हें आर्थिक रूप से सुरक्षित रखता है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों को नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इसके साथ ही, काले तिल और उड़द की दाल की खिचड़ी का भी दान करना चाहिए। इस प्रकार का दान मकर राशि के जातकों को करियर और उच्च पदों पर सफलता प्रदान करता है।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों को पानी में नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। उड़द और तिल का भी दान करना चाहिए। इस प्रकार का दान कुंभ राशि वालों को शांति, सुख, और समृद्धि प्रदान करता है।
मीन राशि
मीन राशि के जातक इस दिन हल्दी, केसर, पीले फूल के साथ तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। गुड़ और तिल का भी दान करना चाहिए। यह दान मीन राशि के जातकों को शुभता और उच्चतम स्तरों की प्राप्ति में सहायता करता है।