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Indian Navy : हाईजैक शिप के अंदर घुसी Marcos Commando की टीम ने कैसे हर संघर्ष को पार किया, सुरक्षित किया 21 क्रू सदस्यों को:

Indian Navy: Marcos Commando की टीम ने एक हाईजैक शिप के अंदर घुस कर 21 क्रू सदस्यों को सुरक्षित किया। यह अपहरण का प्रयास उस समय किया गया था जब लाल सागर में इस्राइल-हमास संघर्ष के कारण व्यापारिक जहाजों पर हूती उग्रवादियों द्वारा हमले बढ़े जा रहे थे। यह घटना न केवल उन सदस्यों की बहादुरी का प्रमाण है जो उस घटनाक्रम का हिस्सा थे, बल्कि यह भी बताती है कि Marcos Commando कैसे इतने अद्वितीय और विचारशील तरीके से अपने कार्य को संपादित करती हैं।

Indian Navy  की बहादुरी:

Indian Navy ने हाईजैक की एक बार फिर बहादुरी का परिचय दिया है। उत्तरी अरब सागर में हुई इस घटना में Indian Navy ने मालवाहक जहाज ‘एमवी लीला नॉरफॉक’ में हुए हाईजैक के चंगुल में फंसी हुई सभी 21 लोगों को सुरक्षित किया है। बड़े ही साहसी और शौर्यपूर्ण कार्य का परिचय देते हुए, Indian Navy ने इस घातक स्थिति में सर्वोच्च रिश्वत बिना अपनी शक्ति और कुशलता का प्रदर्शन किया है। इस उपक्रम से न सिर्फ कई प्रमुख महत्व हासिल हुई है, बल्की यह इस बात का प्रमाण भी है कि Indian Navy  अपने कर्मियों की सुरक्षा और सामरिक जीवन धारणा की देखरेख में कोई कसर नहीं छोड़ती है।

ऐसे Indian Navy ने जहाज को घेरा-

जब Marcos Commando और उनकी टीम India Navy जहाज को घेरते हैं। उन्हें जानकारी मिली थी कि पांच से छह हथियारधारी और अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सवार व्यक्तियों ने जहाज पर कब्जा कर लिया है। इसके पश्चात Indian Navy टीम ने तत्परता से इस मुद्दे का निपटान करने के लिए तत्परता से उच्चतम गुणवत्ता के साथ अपने संघ के साथी यूनिट के साथ मिलकर प्रयास किए। इस पर जहाज का पता लगाने के लिए तुरंत एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान पी-8 आई और लंबी दूरी के ‘प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन’ को तैनात किया गया।

Indian Navy की बहादुरी पर गर्व

Indian Navy की बहादुरी पर गर्व हो रहा है। आईयूसीसी के प्रमुख लीला ग्लोबल के बयान के साथ देखा जा सकता है, जिन्होंने Indian Navy की तारीफ की और इसके साथ ही साझी की कि उन्होंने कैसे वह मामला बिना किसी चिंता के सुलझा लिया।

Indian Navy यूकेएमटीओ की कार्रवाई ने बचाई सभी भारतीय:

यूकेएमटीओ की कार्रवाई ने सुनिश्चित किया है कि पांच-छह लुटेरे जो पोत पर घुसे हुए थे, वे सभी भारतीय सदस्यों को सुरक्षित कर लिया गया है। यह एक बड़ी कार्रवाई है जो हमारी सुरक्षा तंत्र की मजबूती को दिखाती है। यूकेएमटीओ ने यह सुरक्षा कार्रवाई तेजी से कारवाई की है और यह सफल रही है। इससे हमें गर्व का एहसास होता है कि हमारे Indian Navy ऐसी जरूरतमंद स्थिति में भी हमेशा तैयार रहते हैं और हमें सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कार्रवाई करते हैं।

समुद्री लुटेरों की सक्रियता में फिर से एक बढ़ोतरी: Indian Navy

लगभग एक साल पहले, विदेश मंत्रालय ने चिंता जाहिर की थी जब हैजक शिप के अंदर घुसी Marcos Commando की टीम ने लाल सागर में हूती विद्रोहियों के मालवाहक जहाजों को हमला किया। इससे समय के साथ, समुद्री लुटेरों की सक्रियता में फिर से एक बढ़ोतरी देखी जा रही है। यह समुद्री लुटेरों के बारे में पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय बना हुआ है। इस सन्दर्भ में, हम जानेंगे कि 2017 में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी में कई देशों की Indian Navy ने लुटेरों के खिलाफ युद्ध की छवि बनाई थी और जिस तरह से इनके खिलाफ उनके प्रमुख पाठशालाओं के अभियानों ने उन्हें रोका।

Indian Navy :समुद्री सुरक्षा को कैसे मजबूत

Indian Navy  का हर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति बहुत संज्ञानशील है और उसकी उच्चतम प्राथमिकता समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है। इसके लिए वह सुरक्षा के श्वेतपत्रों को बनाए रखती है और युद्धपोतों को प्रशिक्षित रखती है। यह आवश्यक है क्योंकि समुद्री लुटेरे अपार धन की लालसा के कारण नहीं रुके हैं और उन्हें रोकने के लिए नौसेना को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है। ट्रांसट्राफिक शिप में हुए हाईजैक के दौरान कोमांडो के बहादुर कर्मठता ने दिखाया कि समुद्री लुटेरों की अब खैर नहीं है। यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रमाणित करती है कि Indian Navy कि संघर्षशील छुटकारा की कठिनाई को नहीं मानती और उसमें विश्वास रखती है।

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