Gyanvapi Mosque या Mandir? Twitter पर हिंदू पक्ष का मजबूत दावा Trend कर रहा है!

Gyanvapi Survey की Report ने सबके आश्चर्‍य को देखते हुए बदल दिया है। Report के मुताबिक जज द्वारा जारी की गई Report में Gyanvapi Mandir का ढांचा मिलने के सबूत मिले हैं। यह घोषणा सार्वजनिक की गई है और हिंदू पक्ष ने इसे अत्यंत खुशी जताई है। Ayodhya में Ram Mandir के मुद्दे को लेकर हाल ही में हुई घोषणाओं के बाद, यह घोषणा भारतीय सामाजिक और राजनीतिक माहौल में तेज़ी से चर्चित हो रही है।

Gyanvapi Mosque : सर्वेक्षण (ASI) की Survey Report

Shri Kashi Vishwanath Mandir से सटे Gyanvapi के बारे में एक रोचक सर्वेक्षण Report के मुताबिक, Mandir का ढांचा स्पष्ट तस्वीर में सामने आया है। यह Report बुधवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत द्वारा सार्वजनिक की गई है। हिंदू पक्ष इस Report का स्वागत कर रहा है और अपना दावा मजबूत कर रहा है कि Mandir की सामरिक ढांचा ताश के पास भी मिली है। इस Survey Report के प्रमाण से यह साफ है कि Gyanvapi Mandir तोड़कर Mosque बनाई गई है। हिंदू समाज का मानना है कि अब उन्हें Gyanvapi में हनुमान Mandir और पूजा-पाठ के अधिकारों की प्राप्ति का अधिकार होना चाहिए। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष ने कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने की घोषणा की है। इस दावे का मायना क्या है और इसके क्या प्रमाण है, यह अब हम विस्तार से देखेंगे।

Gyanvapi में Mandir का Structure मिला

Gyanvapi के सर्वेक्षण में हुए खोजों और अध्ययन के आधार पर प्राप्त Report से स्पष्ट हो गया है कि Gyanvapi परिसर में Mandir का Structure मिला है। यह बताता है कि ऐतिहासिक कारणों से इस क्षेत्र में Mandir का निर्माण किया गया था। हिंदू समाज में इस Report के आने के बाद बहुत उत्साह देखने को मिला है। वे इसे अपनी जीत का परिचायक मान रहे हैं और अब अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए कठोरतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

Gyanvapi Mosque : अदालत द्वारा Survey Report पर प्रतिबंध का इंकार

इस Survey Report की मीडिया कवरेज की मांग अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने की थी। इसके विपरीत, दावाती कमेटी ने इस Survey Report को ए-मेल के माध्यम से प्राप्त करने की मांग खारिज कर दी थी। वास्तविकता में, जिला न्यायाधीश डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने Gyanvapi Mandir परिसर के Survey का आदेश दिया था, जिसके आधार पर ASI की टीम ने Mandir के सील वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर का Surveyकिया और Report को अदालत में प्रस्तुत कर दिया। यह निर्णय Gyanvapi Mandir के निर्माण की ख्वाहिश रखने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है।

Gyanvapi Mosque : Kashi में हिंदू-मुस्लिम विवाद की दस्तक

Gyanvapi से संबंधित मां शृंगार गौरी मूल वाद की सुनवाई 14 जुलाई को पूरी कर ली थी। इसके बाद पत्रावली को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया था। जिला जज की अदालत ने 23 जुलाई को आदेश सुनाया। हिंदू और मुस्लिम पक्ष की मौजूदगी में अदालत ने रडार तकनीक ASI से Saurvy कराने का आवेदन मंजूर किया था। साथ ही, ASI के निदेशक को Saurvy कराने के लिए आदेशित किया था। अदालत ने कहा कि किसी तरह की क्षति पहुंचाए बगैर वैज्ञानिक तरीके से Saurvy कराया जाए। Ayodhya का मुद्दा खत्म हो ही गया था कि अब Kashi में हिंदू-मुस्लिम विवाद की दस्तक दे गयी है। Gyanvapi से संबंधित मां शृंगार गौरी Mandir की सुनवाई के बाद, हिंदू पक्ष का दावा मजबूत हो गया है कि इसके पास भी एक Mandir था। सामान्यतः भारतीय ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों का मामला हो या फिर मंदिर-मस्जिद विवाद, इन मुद्दों से जुड़ी सुनवाई की तारीखें या जरुरी वाद बातें तो निश्चित ही माफी नहीं मांगती हैं।

Gyanvapi सर्वेक्षण Report: Kashi के Mandir का ढांचा

ग्यारह वें सदी के बादशाह औरंगजेब ने अपनी शासनकाल के दौरान ऐतिहासिक महत्व के काली Mandir को मस्जिद में परिवर्तित कर दिया था। ये कार्यक्रम उनके हिंदू धर्म पर प्रभावशाली प्रतिसाद के रूप में भी जाना जाता है। इसके बावजूद, गौरतलब है कि मंदिर का ढांचा अपनी मौजूदगी बनाए रख गया होगा। Gyanvapi के सर्वेक्षण Report के अनुसार, जब इस ऐतिहासिक स्थल को बाहर से जांचा गया, तो बहुत सारे पवित्र वास्तु और एक ऐसी ढांचा हुई बातें आई सामने जो इसे एक Mandir की पहचान दिलाती हैं। इन वास्तु के आधार पर सर्वेक्षण Report में भी Mandir के पास के मस्जिद के नाम का जिक्र किया गया है और इसके सबूतों को मान्यता दी गयी है।

Gyanvapi Mosque : Mandir तोड़ कर बनाई गई मस्जिद

Gyanvapi मामले में अदालत ने ASI के निदेशक को चार अगस्त तक Saurvy के संबंध में Report देने का आदेश दिया था। इसके बाद मामला High Court, Supreme Court गया। जिसके बाद दोबारा चार अगस्त 2023 से Saurvy शुरू हुआ, जो दो नवंबर तक पूरा हो सका। 18 दिसंबर 2023 को Saurvy Report अदालत में दाखिल की गई थी। इसके बाद से ही हिंदू पक्ष Report सार्वजनिक करने की मांग कर रहा था। हिंदू पक्ष का कहना था कि Saurvy में हिंदू पक्ष की दलीलों को माना गया है। आज इस Saurvy Report के कुछ अंश सामने आए हैं जिन्होंने एक बार Ayodhya फैसले की याद दिला दी है। Saurvy में इस बात का दावा किया गया है कि मस्जिद के पहले यहां मंदिर था और उसकी संरचना के सबूत प्राप्त हुए हैं।

Gyanvapi Mosque : अब 4 August को होगी सुनवाई

Gyanvapi में होने वाले मां शृंगार गौरी मूलवादी Mandir के निर्माण संबंधी मुद्दे में हाल ही में बदला हुआ रोचक तथ्य यह साबित करता है कि यहां भी बाबरी मस्जिद की तरह ही मंदिर का ढांचा मिला है। हिंदू पक्ष इस दावे को मजबूत बता रहा है। अब इस मुद्दे के समय में एक और बदलाव हुआ है। मां शृंगार गौरी मूल वाद की सुनवाई अब चार अगस्त को होगी। नई तारीख पर अब ASI को सर्वे की टीम गठित करनी होगी और Saurvy के संबंध में Report प्रस्तुत करनी होगी। हमें यह भी बताना है कि Saurvy कब और कैसे किया जाएगा, Saurvy कितने दिन में पूरा होगा और सर्वे का समय क्या होगा।

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