Gyanvapi Case : Gyanvapi Mandir विवाद का हल करने के तहत, उत्तर प्रदेश की विशेष अदालत ने अपना निर्णय जारी कर दिया है। इस निर्णय की सौगात पर Hindu समाज में बड़ा जश्न मनाया गया है। Gyanvapi Case के इस नए चरण ने धार्मिक स्थलों की हकीकत और जनता के विश्वास को मजबूती से बढ़ाया है।
Gyanvapi Case : Court ने आदेश जारी कर दिया
हाल ही में Delhi के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल Gyanvapi Mandir के मामले में एक महत्वपूर्ण सुधार की खबर सामने आई है। इस मामले में Vyasji के तहखाने में पूजा करने की अनुमति को लेकर बुधवार को Court ने आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश Hindu पक्ष के लिए एक बड़ी जीत की घोषणा है, जो एक जश्न का माहौल पैदा कर रही है।
Gyanvapi Case : एक बड़ी जीत
Gyanvapi केस काशी के एक महत्वपूर्ण मंदिर के आसपास होने वाले एक स्थल के बारे में है, जिसे सदियों से धार्मिक महत्व का हिस्सा माना जाता रहा है। इस Case में सिपाही Union of India (SUI) ने जयप्रकाश सिंह, संजय नामदेव जोषी, नेत्रकोन्दा लक्ष्मण इत्यादि हिंदुधर्म के अनुयायों के पक्ष में फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुताबिक, Gyanvapi Mandir के तहखाने में हिंदूधर्म के अनुयायों को पूजा का अधिकार मिला गया है। यह फैसला Hindu समुदाय के लिए अत्यंत खुशनुमा साबित हुआ है।
Gyanvapi Case : पूजा का अधिकार: एक प्राचीन और पवित्र अधिकार
पूजा एक मानवीय गतिविधि है जो मानव के आध्यात्मिक और मानसिक विकास को बढ़ावा देती है। Hinduधर्म में, पूजा एक विशेष अर्थ रखती है और इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। Gyanvapi में पूजा का अधिकार मिलना Hindu समुदाय के लिए गर्व का सबूत है। अब Hinduधर्म के अनुयाय अपने आस्था के अनुरूप तहखाने में देवी-देवताओं की पूजा कर सकेंगे। यह जीत हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अदालती फैसला है और इसके साथ ही जुड़ी बहुत सारी अवसरों को खोलता है।
Gyanvapi Case : जश्न का माहौल:
Gyanvapi फैसले के बाद, व्यास गुफा में एक विशेष पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसके साथ ही, Gyanvapi Mandir में उत्सवियों का आयोजन किया गया है, जिसने Mandir की वातावरण में खुशी और आनंद का एक माहौल सृजित किया है। अपार संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर का दर्शन किया है और उनकी मांगों ने श्रीमंत बनाने की कष्टशीलता को दिखाया है। यह जश्न Hindu समुदाय को एक और मौका देता है अपनी आस्था को मनाने और धार्मिक संगठन के साथ जुड़ने का।
Gyanvapi Case : Vyasji के तहखाने को DM की सुपुर्दगी में दिया गया है।
मुकदमेबाज श्री कृष्णपाल श्रीकेश ने Gyanvapi Mosque की सुपुर्दगी के बाद दूसरी अहम जीत दर्ज की है। वह अपनी योजना में DM को पीछे ले गए कर चुके थे जो यहां Gyanvapi Mosque पर पता सहित है। इस अदालती आदेश के मुताबिक, Vyasji के तहखाने को DM की सुपुर्दगी में दायर किया गया है। इससे पहले इस स्थान को Vyasji के समर्पण क़ानून के तहत दर्ज किया गया था, लेकिन अप्रियतंत्री मामलों के कारण, इसे उच्चतम न्यायालय ने जांचतालाब बना दिया था।
Gyanvapi Case : अधिवक्ताओं के अनुरोध पर Court ने नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को खोलने की अनुमति दी है।
इस मामले के आदर्श याचिकाएं 2005 में दायर की गई थीं। अंतिम उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद वकील भी द्वारा दोहराया गया कि एक DM क़ानूनन प्राधिकारी के रूप में अंतिम निर्णय ले सकता है। 4 मई को Court ने अंतिम फैसला सुनाया कि Vyasji के तहखाने के पास नंदी को खोलने के लिए गए रास्ते को पुनः खोला जा सकता है। ताशिर की स्थिति के आधार पर वह पुनः Mandir श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। DM के उल्लंघन को उजागर करने के लिए सुपुर्दगी के आदेश पर पूरी तरह से अमल हो सकेगी।
Gyanvapi Case : तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा
ऐसे में अब तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने- जाने दिया जाएगा।श्री गोपालचंद्र व्यास वंली के सूत्र के अनुसार, 1993 मुकदमे के बाद से तहखाने से पूजन की अनुमति नहीं मिली थी। जैसाकि मामले के बाद नागरिकों की सुपुर्दगी पर वारियलिटी जांचा गया था और तहखाने में पूजा करने की अनुमति नहीं थी। विजय पंडित और कुलदीप शर्मा जैसे वकीलों ने लंबे समय तक इस मामले पर काम किया था। इसके परिणामस्वरूप, अपील में Court ने Vyasji के तहखाने में पूजा को जारी रखने की अनुमति दी है। यह जीत Hindu समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दर्शकों को पूजा करने में कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
Gyanvapi Case : मुद्दा और विवाद
मंगलवार को Court में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा था कि Vyasji का तहखाना Mosque का हिस्सा है। वहां पूजा की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम से बाधित है। तहखाना वह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। लिहाजा, वहां पूजा-पाठ कि अनुमति न दी जाए।