Farmer Protest : अध्यादेश का विरोध: Farmers की Delhi को चेतावनी, ‘महापंचायत में बड़ी लड़ाई का एलान, दूध-सब्जी तक कर देंगे बंद’

Farmer Protest : आज के दौर में Indian Agriculture के अधिकारियों और Farmers के बीच एक बड़ा विवाद चल रहा है जहां Farmer संगठन ने अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाते हुए महापंचायत का आयोजन किया है। इस महापंचायत में खाप पंचायतें, संगठन और अन्य Farmer Leaders ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि वे Delhi में दूध-सब्जी की आपूर्ति बंद करने का एलान करेंगे। इस लड़ाई के चलते काफी सारे प्रदर्शन भी आयोजित किए जा रहे हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस विवाद की पीठ पीछे के कारणों पर विचार करेंगे और इस ऐतिहासिक किसान आंदोलन के महत्व को समझेंगे।

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य

अध्यादेश पर अड़े Farmers का मुख्य आरोप है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी को लेकर सरकार के पास कोई सुचना नहीं है। MSP में निर्धारित मूल्य अगर मंडी मूल्य से कम होता है तो Farmers को नुकसान होता है। इसमें सुधार करने के लिए Farmer संगठनों ने अध्यादेश पर ध्यान आकर्षित किया है। वे MSP की कानूनी गारंटी के बिना किसी प्रस्ताव को महापंचायत में मंजूरी नहीं देंगे। इस भारतीय कृषि पद्धति में सुधार करने की मांग बिल्कुल जायज और जरूरी है।

कर्ज माफी समेत 12 मांगों को लेकर Delhi कूच के लिए निकले Farmer

Farmer संगठनों ने अपनी यात्रा में एक और महत्वपूर्ण मांग जोड़ी है – कर्ज माफी। कृषि उद्योग अतिरिक्त ऋणों के प्रतिबंध के बावजूद, Farmers को बड़े ब्याज दर के कर्जदारों का सामना करना पड़ता है। इसके परिणामस्वरूप, Farmers को निराशा और आर्थिक समस्याएं होती हैं। इसलिए, वे कर्ज माफी लेने की मांग कर रहे हैं और यह भी चाहते हैं कि इस विषय पर केंद्र सरकार से संवेदनशीलता से बातचीत की जाए। हमें यह बात समझनी चाहिए कि आधारभूत आर्थिक सुरक्षा महत्वपूर्ण है और हमें Farmers को ताकतवर बनाने के लिए उन्हें इन समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने की जरूरत है।

महापंचायत में बड़ी लड़ाई का एलान

चंडीगढ़ में हुई महापंचायत में, Farmers ने एक बड़े स्तर पर लड़ाई का एलान किया है। वे नि:शक्त सर्कार को एक शानदार संदेश देने के लिए तैयार हैं। एकजुट होकर किसानों ने यह दिखाया है कि वे न्याय के मार्ग पर चलना चाहते हैं और Farmers के हितों की रक्षा करने के लिए लड़ने को तैयार हैं। महापंचायत में ये एलान कि जाती है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे Delhi में दूध-सब्जी तक का पूरा बंद हड़ताल करेंगे।

Delhi में दूध-सब्जी तक कर देंगे बंद

Farmer संगठनों ने अपने प्रदर्शन के एक पड़ाव में ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे Delhi में दूध-सब्जी तक का पूरा बंद हड़ताल करेंगे। यह दूध और सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं की ही बात है जो हर घर में रोज़ाना इस्तेमाल होती हैं। Farmers ने यह एलान करके साबित किया है कि वे इस मुद्दे पर बिलकुल स्पष्ट हैं और इसके लिए ये कठोर नारों तक के उठान तक तैयार हैं।

आंदोलन में Delhi के Farmers का भी साथ लेंगे

जब से 2020 का आदेश जारी हुआ है, उसके बाद से पंजाब और हरियाणा के Farmer Delhi में आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन का एक मुख्य उद्देश्य है कि भारत सरकार को अपना अध्यादेश वापस लेना चाहिए जिसमें कृषि सुधारों का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा, देश भर के लाखों किसान इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। अध्यादेश के खिलाफ आंदोलन करने वाले Farmer ने यह भी तय किया है कि Delhi के अलावा उनके आंदोलन में Delhi के किसानों का भी साथ रखा जाएगा। यह अद्यावधिक पड़ाव आंदोलन की रणनीति को और बल मिलाएगा और छपाएगा। यह भी हो सकता है कि इससे आंदोलन को अधिक जनसमर्थन मिले और सरकार पर अधिक दबाव बने।

भाकियू (चढ़ूनी) ने ब्रह्मसरोवर पर बुलाई महापंचायत

फार्मर्स आंदोलन ने लगभग दो महीने से चल रहा है और इसके बीच बहुत कुछ हुआ है। इसी बीच हाल ही में भाकियू (चढ़ूनी) ने ब्रह्मसरोवर पर महापंचायत बुलाई है जहां पर इस आंदोलन का कार्यक्रम तय किया जाएगा। इस महापंचायत में तय किया गया है कि हरियाणा की ओर से गुरनाम सिंह चढ़ूनी आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। इससे यही संकेत मिल रहा है कि आंदोलन अब और भी मजबूत होगा और गुरनाम सिंह चढ़ूनी की नेतृत्व के तहत डिली में किसानों का आंदोलन और बलवान होगा।

Delhi ही Farmers के साथ मिलकर

सरकार ने ट्रैक्टर लेकर Delhi नहीं जाने दिया तो Delhi के ही Farmers के साथ मिलकर Delhi को घेराव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शंभू बार्डर पर आंदोलनरत Farmers ने उन्हें बुलाया नहीं किया, लेकिन इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता।देश की Farmers ने अपना अधिकार प्राप्त करने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने Delhi को घेराव करने का फैसला लिया है। जैसा कि ज्यादातर लोग जानते हैं, हमारे देश के Farmer आंदोलन के मध्य बहुत समय से मेहनत और कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। अब उन्होंने यह घोषणा की है कि यदि सरकार उन्हें Delhi जाने नहीं देती है, तो वे Delhi के ही Farmers के साथ मिलकर Delhi को घेरेंगे। इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि Farmers का इकोसिस्टम और देश की आवश्यकताओं के बीच में वास्तविक एकता और साझेदारी है।

विभिन्न संगठन भी शामिल

देश के अनेक राज्यों के Farmer ने इस आंदोलन से जुड़ने का एलान किया है। महापंचायत में इससे पहले भी कई Farmer संगठन शामिल हुए थे, लेकिन अब धनखड़, कादियान और हुड्डा खापें भी इस आंदोलन में प्रभावी योगदान दे रही हैं। यह एक महत्वपूर्ण साबित होता है कि यह प्रदर्शन अलग-अलग किशोर और वृद्ध संगठनों को एकत्रित कर रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि यह आंदोलन देश की Farmers में एकता और समरसता पैदा कर रहा है।

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