BJP एक ऐसी पार्टी है जिसमें कई महान संगठनकर्ता और नेताओं का समर्पण है। जिनके Election में उतरने की संभावना बढ़ रही है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी है जो हमारे देश में व्यापक अपोष्टलकरण प्राप्त कर चुकी है। इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हैं। वर्तमान में यह पार्टी विभिन्न राजनीतिक नेताओं को बढ़ावा दे रही है जो Election लड़ेंगे और अपने लोकसभा चुनाव क्षेत्रों में दल और BJP की मदद करेंगे।
BJP के महासचिव दुष्यंत गौतम
BJP के महासचिव दुष्यंत गौतम ने अपने लिए Delhi की उत्तर पश्चिमी सीट की उम्मीदवारी दर्ज कराई है। इस समय इस सीट का सांसद हंसराज हंस हैं। दुष्यंत गौतम के उत्तर पश्चिमी सीट से उतरने पर हंसराज हंस का टिकट कट सकता है।दुष्यंत गौतम का यह फैसला काफी अहम है क्योंकि उत्तर पश्चिमी Delhi में वोट बैंक है और उस सीट का दबदबा मिलना बड़ा मायने रखता है। वह इस सामरिक Election में एक मजबूत उम्मीदवार के तौर पर उपस्थित होने की संभावना बढ़ा रहे हैं।
हंसराज हंस और पंजाब की सीटों का मामला: BJP
हालांकि, बातचीत हो रही है कि हंसराज हंस को उत्तर पश्चिमी सीट से बाहर करके उन्हें पंजाब की किसी सीट से Election में उतारने की संभावना है। पंजाब BJP के लिए एक महत्वपूर्ण राज्य है और यहां से Election में उतरने से पार्टी को बड़ा लाभ हो सकता है। हंसराज हंस इस मामले में अभी तक कोई स्पष्टीकरण नहीं देने के कारण उनकी Election रणनीति काफी पसार रही है।इस कदम से BJP Delhi और पंजाब दोनों राज्यों में मजबूती दिखा सकती है। हंसराज हंस एक अभिनेता और पुराने भजन गायक हैं, इसलिए उनकी पहचान लोगों के बीच काफी मजबूत है। उनके मूलभूत अनुभव और प्रतिभा ने उन्हें लोगों के दिलों में एक स्थान बना लिया है। अतः, विपक्ष के उम्मीदवारों के लिए वो एक टक्करदार उम्मीदवार साबित हो सकते हैं।
BJP के महासचिव
BJP के महासचिव रामोन्ध शर्मा गुर्जर भी उभरते नेता हैं। उनका Electionमें उतरने का भविष्यवाणीत था, लेकिन कूटनीतिक मामले पर कुछ विचारशील राजनीतिज्ञों ने इसे संभावना के रूप में रखा है। शर्मा को अपने नेतृत्व के कारण विचारशील और प्रभावशाली माना जाता है।
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशीष निशांत भी दमदार और प्रभावशाली नेता हैं। उन्होंने अपनी योग्यता और अनुभव के कारण एक विचारशील छवि बनाई है। उनका नाम भी अगणित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हो सकता है।
BJP के सचिव
राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंघल भी इस सूची में हैं। उनके पास अधिक साथी और राजनीतिक ज्ञान की गहराई मौजूद है। वे Election युद्ध में खुद को मजबूत सिद्ध कर चुके हैं और इसलिए उनके नाम को भी विचारशील उम्मीदवार के तौर पर देखा जाता है।
विचारशीलता – एक जिम्मेदारी: BJP
BJP के गठन के समय से ही कई विचारशील और प्रभावशाली नेता इसे मजबूती देने में संलग्न हुए हैं। ये नेता Election लड़ने के लिए जरूरी हैं ताकि उन्हें अदान-प्रदान करने का मौका मिले और पार्टी के पक्ष में जितने की संभावना बढ़े। इन नेताओं को पार्टी का अभियांत्रण बनाने के लिए उन्हे जरूरतमंद व्यक्ति बनाया गया है, विशेष रूप से जेपी नड्डा ने अपने नेताओं की जरूरत की पहचान की है।
BJP Election में उतरने के अलावा और जरूरी भूमिका
Election में उतरने के साथ-साथ, ये बड़े नेता BJP के धमाकेदार कार्यरत अभियांत्रण के रूप में भी काम कर सकते हैं। उन्हें आदर्शों के साथ पार्टी के मूल्यों को प्रस्तुत करने, अधिकांश लोगों में पार्टी के विश्वास का निर्माण करने और आम नागरिकों के मदद के लिए एक मार्गदर्शक के तौर पर काम करने की क्षमता होती है। इन नेताओं के नेतृत्व में, BJP अपनी विजय की ओर अग्रसर रहती है।
Delhi की उत्तर पश्चिमी सीट
दुष्यंत गौतम अपने लिए Delhi की उत्तर पश्चिमी सीट चाहते हैं। इस समय इस सीट पर बेहद पॉपुलर हार्ष वार्डन ही सांसद हैं। दुष्यंत गौतम के उत्तर पश्चिमी सीट से उतरने के मामले में हंसराज हंस का टिकट कट सकता है। इसमें कुछ ऐसा हो बी रहा है क्योंकि इस सीट पर BJP उम्मीदवार की विजयी हो जाने की संभावना बहुत ज्यादा है। इसलिए, इससे जुड़ी जटिलताओं को देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया है कि वे दुष्यंत गौतम को एक और सीट से Electionलड़ने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश भेज सकती है।
Election टिकट की टक्कर
हंसराज हंस, जो वर्तमान में Delhi की उत्तर पश्चिमी सीट से सांसद हैं, दुष्यंत गौतम के ईमानदार क्षेत्री नेतृत्व को पहचान चुके हैं। हंसराज हंस की एक बड़ी चुनौती तब हो सकती है जब दुष्यंत गौतम बदल कर उत्तर प्रदेश के किसी भी इलाके से Election लड़ना चाहेंगे। ऐसी स्थिति में, हंसराज हंस वार्डन के पंजाब से लड़ सकते हैं। यहां तक कि उन्हें दलित बहुल इलाके वैशाली या देवरिया से Election लड़ाने के सुझाव दिए गए हैं। पॉलिटिकल विश्लेषकों के अनुसार, यह दुष्यंत गौतम को दलित मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में लाने में सहायक साबित हो सकता है।