Akash Deep, जो कि रांची, झारखंड से हैं, ने अपने जीवन के पहले दिनों से ही क्रिकेट का बहुत प्यार किया है। वे मात्र पांच साल के थे जब उन्होंने पहली बार बैट संभाला था। भारतीय क्रिकेट संघ के कोच ने उनमें बहुत प्रकाश देखा और उन्हें प्रशंसा भी की। यह उनके लिए गर्व की बात थी, क्योंकि वे एक बिना किसी प्रशिक्षण के आदर्श खिलाड़ी खुद बन चुके थे।
वे अपने बाप के साथ क्रिकेट खेलने के बिना चूल्हे की रोटी नहीं बना सकते थे। उनके पिता ने उन्हें सबकुछ सिखाया, और Akash Deep ने उनका हमेशा आभार व्यक्त किया है। Akash Deep के पास अब खुद का पेशेवर स्थान है, और उन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण से इसे हासिल किया है।
बड़ी कठिनाईयाँ और हार-जीत
छह महीने पहले उनके पिता और भाई की एक दर्दनाक मौत हो गई थी। यह उनके लिए बड़ी कठिनाईयों और चुनौतियों का सामरिकपूर्वक मुकाबला था। लेकिन, यह घटना उन्हें बदलने के बजाय मजबूत बनाई। उन्होंने खुद को एक ताकतवर खिलाड़ी बनाने का निर्णय लिया था।जब वे मैदान पर लौटे तो उन्होंने उनकी पिता और भाई को हमेशा माना और हर एक खेल में उनका समर्थन किया। उनकी मेहनत ने उन्हें कैंप में छात्रवृत्ति और अन्य उच्चतम सम्मानों में रवाना कर दिया। वे खुद को औसत से बेहतर बनाने के लिए नहीं रुक रहे हैं।
पहली गेंदबाजी और तुरंत सफलता
अपने पहले ही सेशन में अपनी गेंदबाजी से आकाश ने इंग्लैंड टीम की कमर तोड़ दी। मात्र 10 गेंदों के अंदर, Akash Deep ने बैजबॉल खेलते हुए इंग्लैंड को मजा चखा दिया। इन 10 गेंदों के अंदर, उन्होंने 3 विकेट झटके। यह उनके डेब्यू मैच में एक शानदार उपलब्धि है और इससे स्पष्ट हो जाता है कि उनका मनोबल अद्यतन किया जाना चाहिए। इससे पहले कि हम ध्वारा में काटे गए विचार में और उनके छोटे मंथन में जाएं, इस उपलब्धि के बारे में कुछ समय व्यतीत करते हैं।
एक दुःखभरा आरंभ
जब Akash Deep ने विराम देने का फैसला किया, तो इससे उन्हें बहुत दुःख हुआ। क्रिकेट उनका सब कुछ था और वह उसे छोड़ना चाहते थे नहीं। लेकिन उन्होंने अपने परिवार की सेवा करने का निर्णय लिया था। Akash Deep के लिए रास्ते पर मुसीबतें बढ़ीं थीं, लेकिन उन्होंने अपनी मां की सेवा करते हुए डगमगा करना नहीं छोड़ा। वे इस समय में नानिनावाला क्लब कोचींग सेंटर में क्रिकेट ट्रेनिंग लेते थे और अपनी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए तत्पर रहते थे।
पुरस्कारों का सफर
धीरे-धीरे समय बिता और Akash Deep के करियर की पहली झलक अपनी ताकत दिखाने लगी। वे 2017 में पंजाब यूथ इंटरनेशनल टूर्नामेंट में एक बार फिर से चर्चा में आ गए। अपनी अद्भुत क्षमताओं के कारण, उन्हें मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला। इसके बाद, उन्होंने चारों ओवर खेलकर 4 विकेट लेने के साथ-साथ अपने टीम को विजयी बनाने में मदद की। यह उनके लिए एक बड़ी कामयाबी थी और उन्हें स्थानीय पत्रिकाओं की ध्यान में आ गए।
राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ना
Akash Deep ने अब तक कई राष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपनी क्षमताओं को दिखाया है। उन्होंने एक धारावाहिक रूप से अपनी जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए अनेक मट्टी के टेस्टों, वनडे और टी20 सीरीज़ में अपनी टीम का हिस्सा बने रहे हैं। Akash Deep अंग्रेजों की कमर तोड़कर दिखा रहे हैं और दूसरे देशों के खिलाड़ियों के मान्यताएं बढ़ा रहे हैं। उनकी महानता का अभिनंदन किया जाना चाहिए और उनके माता-पिता की कुर्बानियों को सलाम करना चाहिए।
Akash Deep का जन्म सासाराम (बिहार) में हुआ, जहां उन्होंने अपना बचपन बिताया। परिवार में क्रिकेट के प्रति उनकी दिलचस्पी को पहचाना जाता था और वे बचपन से ही क्रिकेट में रुचि रखते थे। चाहे वो घर के साथी इस्तेमाल कर, उनके माता-पिता या दोस्तों के साथ ज्यादातर समय अचानक क्रिकेट का ही खेलने में बिताते। छोटे से उम्र में ही उन्होंने असाधारण प्रतिभा दिखाई और उनके परिवार ने इसका विकास करने के लिए उनका पूरा साथ दिया।
इस दौरान उनको यह अहसास हुआ कि उनके लिए क्रिकेट खेलने का सपना इतना बड़ा था, जिसे वो छोड़ नहीं सकते थे
6 महीनों पहले, Akash Deep की लाइफ में एक अचानक बदलाव आया। वो अपने पिता को खो दिये, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया था। यह अकेलापन एक अजनबी महसूस करवा रहा था। लेकिन इस दुख ने भी Akash Deep के अंदर चुनौतियों को स्पर्श किया। वो इस दरिद्रता में हताश नहीं हुए, बल्कि ऐसे समय में भी अपने दृढ़ संकल्प को निभाते रहे। इस घड़ी में उन्होंने झारखंड के एक मशहूर क्रिकेट अकादमी में प्रवेश करने का फैसला किया। यह उनका सपना था, और वो इसे पूरा करने के लिए तंगी में थे।