Ramlala Mandir : प्राचीन भारतीय संस्कृति में श्रद्धा और आदर्शवादी माहौल का पालन किया जाता है। हमारे देश में Mandir का एक विशेष महत्व है और इनकी मूर्तियां भगवान के अवतार का प्रतीक मानी जाती है।

इसलिए, जब Ram Mandir के मुख्य पुजारी, Acharya Satyendra Das ने अपनी नाराजगी जताई है, तो इसका महत्वपूर्ण परिणाम है। इस्तीफ़े के कारण, उन्होंने Ramlala की Viral तस्वीरों पर सवाल उठाए हैं, जहां उन्हें असली मूर्ति में आंखें नहीं दिखाई दी। इससे हमें ये सवाल करना चाहिए कि क्या Ramlala के रूप में प्रदर्शित की जा रही मूर्तियां प्राण प्रतिष्ठा के नियमों का विरोध कर रही हैं?
Ramlala Mandir :उन्होंने कहा कि जहां नई मूर्ति है वहीं प्राण प्रतिष्ठा के नियम हो रहे हैं।
Ramlala के Mandir की स्थापना के बाद, अब Acharya Satyendra Das ने बताया है कि नई मूर्ति को अभी शरीर के सभी नियमों के अधीन किया गया है। इसलिए, श्वेत पत्थर से बनी जो असली मूर्ति मनाई जा रही है, उसमें बंद आंखें हो सकती हैं। प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति को तैयार करने का संघर्ष चल रहा हो सकता है, जिससे अभी तक आंखें खुलने का कार्य अधूरा है। यह Acharya Satyendra Das के अध्यात्मिक मान्यताओं की वजह से है, जो इस मनाई जा रही मूर्ति को प्रदर्शित करने की अपेक्षा नहीं करते हैं।
Ramlala Mandir : जो आंख खुली हुई मूर्ति दिखाई गई वो सही नहीं है।
Acharya Satyendra Das ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी केवल मूर्ति का शरीर ही प्रदर्शित किया गया है, जिसे कपड़े से ढंका गया है। इस संदर्भ में दिखाई गई तस्वीरों में आँखों की उपस्थिति एक समय के लिए बाध्यकरण हो सकता है, परंतु यह इंद्रिय प्रतिष्ठित तस्वीर में शारिरिक देख प्रतिक के रूप में बदल गई है। ये तस्वीरें संगठित रूप से प्रशासित नहीं होती हैं और इसलिए उनकी सत्यता पर विचार किया जाना चाहिए।अभी तक Ram Lala Mandir के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख निश्चित नहीं है, लेकिन प्रतीत होता है कि यह Acharya Satyendra Das द्वारा सशंकित कर दिया जाएगा। आज की वर्तमान स्थिति में, यदि कोई तस्वीर आंख खुली हुई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की अद्यतनित मुद्रण कर रही है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। प्रतिष्ठान के लिए संगठित रूप से तय किए गए नियमों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए और Ramlala के शारीरिक रूप को पहचानने का अधिकार किसी व्यक्ति के पास नहीं होना चाहिए।

बातचीत करने के लिए यह सवाल उठता है कि क्या Ramlala Mandir में प्रदर्शित हो रही मूर्तियां सचमुच असली मूर्तियां हैं? क्या Viral तस्वीरों पर Acharya Satyendra Das की नाराजगी का कारण केवल एक त्रुटि है या कुछ और है? हमें इससे संबंधित जांच और विश्लेषण की आवश्यकता है, ताकि हम सच्ची प्राण प्रतिष्ठा को समझ सकें और अपने श्रद्धा प्रति सुरक्षित विश्वास रख सकें।
Ramlala Mandir : ज्ञान की अभावता: असली मूर्ति
Shri Ram जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी Acharya Satyendra Das ने बताया है कि भगवान Ram की मूर्ति पर प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले उनकी आंखें नहीं होतीं हैं। वे कहते हैं कि अगर किसी मूर्ति में भगवान Ram की आंखें दिखाई जा रहीं हैं, तो वह मूर्ति असली नहीं हो सकती है। यह एक रोचक संदर्भ है, जिसे हमें गहराई से समझना चाहिए।हमें यह ध्यान में रखना चाहिए कि भगवान की मूर्ति के प्रकट होने से पहले उन्हें उचित स्थान और संकल्प की आवश्यकता होती है। जब एक Mandir की प्राण प्रतिष्ठा पूरी होती है, तब उस मूर्ति में भगवान का आवास होता है और वे अपनी अस्तित्वता प्राप्त करते हैं। इसलिए, प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति में भगवान Ram की आंखें नहीं होतीं हैं।

Ramlala Mandir : तस्वीरें और Viral : विचारों की जांच
बहुत सारी तस्वीरें और Video हाल ही में Social Media पर Viral हुई हैं, जहां पर भगवान Ram की मूर्ति में आंखें दिखाई जा रहीं हैं। यह Viral एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाती है – क्या ये तस्वीरें और Video वास्तविक हैं? क्या भगवान Ram की मूर्ति में सचमुच आंखें हो सकती हैं? हमें एक चीज़ को समझना चाहिए – Viralta और आंखें दिखाई देने की प्रतिभाओं में भिन्नता हैं। Social Media आजकल इस प्रकार की तस्वीरों के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म के रूप में उपयोग होता है, जहां लोग अपने विचार और धारणाओं को साझा करते हैं। लेकिन, इन तस्वीरों की वास्तविकता को संदेह के अंदर रखना भी आवश्यक है।आंखें दिखाई देने की प्रतिभाओं के पीछे अनेक कारण हो सकते हैं। कई बार ऐसा होता है कि दृष्टि-गोलक या किसी ग्लास प्रणाली के कारण मूर्ति में आंखों का प्रतिबिम्ब बनता है, जो कि उन्हें आंखें होने का अनुभव देता है। इसके अलावा, गुमनाम कलाकारों द्वारा बनाए गए छत्र या गुमनाम मूर्तियों में भी इस प्रकार की उपयोगिता हो सकती है। यदि हम इसकी पूरी जांच करें, तो हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कौन सी तस्वीरें प्राकृतिक और कौन सी गैर-प्राकृतिक हैं।